बेबकुफ़ बुद्धिमान |
शहर से दूर एक गांव था।वह गांव बहुत ही प्रसिद्ध था।वो इसलिए कि उसमे बहुत ही विद्वान व्यक्ति रहते थे। दूर दूर से लोग उनकी सलाह लेने आते थे । उसी गांव में एक अनपढ़,बेवकूफ आदमी था। वह किसी का भी बुरा नहीं मानता था।जबकि बो बुद्धिमान व्यक्ति आयदिन लड़ते रहते थे कि में सर्वश्रेष्ठ बुद्धिमान हूं ,नहीं में हूं। इस तरह लड़ते लड़ते उनका दिन व्यतीत होता था।
बुद्धिमान व्यक्ति गांव के बीच में एक चबूतरे पर बैठते थे। वही से वो अनपढ़ आदमी गुजरता था।पर आज जैसे ही गुजरा चबूतरे पर बैठे बुद्धिमान आदमियों में से एक आदमी ने चिड़ाते हुए बोला महा ज्ञानी जी कहा जा रहे है। वह बहुत प्रसन्न हुआ।क्यूंकि आज से पहले किसी ने उस महा ज्ञानी नही बुलाया।वह तुरंत घर गया और लड्डू ले आया ।सबको एक एक लड्डू उसने बाट दिया। दूसरे दिन फिर वो बेबकुफ वहा से निकला इस बार भी उससे किसी ने महा ज्ञानी कह दिया ।वह फिर घर गया और लड्डू ले आया।सबको ऐक एक बाट दिया ।अब तो ये हर दिन होने लगा । क्यूंकि लोगो को वह लड्डू देता लड्डू के लालच में लोग उससे महा ज्ञानी बोलने लगे उसका नाम धीरे धीरे महाज्ञानी हो गया।
शहर में एक घर में पति पत्नी प्रतिदिन लड़ते थे।जिससे दोनों परेशान थे।इसलिए वह आदमी उसी गांव में आया। क्यूंकि उसे पता था यहां कोई अच्छी सलाह तो मिल ही जाएगी।
वह एक आदमी से सलाह लेकर गया।की जब भी तुम्हारी पत्नी तुमसे कूछ कहे तो उसे अनसुनी करदो। उसने मान ली।वह घर गया उसकी पत्नी ने कहा की बाजार से सब्जी ले आओ। उसने अनसुनी कर दी।पत्नी को गुस्सा आया।और वह मायके चली गई।कुछ दिन वह अकेला रहा फिर उसे लगने लगा कि उसकी पत्नी को ले आना चाहिए इसलिए वह अपने ससुराल गया।पर उसकी पत्नी ने आने से मना कर दिया।उसने कहा यदि तुम नहीं चलोगी तो में मर जाऊंगा।पत्नी ने कहा तुम्हे जो करना है करो।
गुस्से में आदमी मरने जाने लगा।पर उसकी हिम्मत नहीं हुई ।उसने सोचा में फिर से उस गांव में जाता हूं सायद इस बार सही सलाह मिल जाए। पर इस बार में सबसे ज्यादा ज्ञानी के पास जाऊंगा।
वह उस गांव में गया और कहने लगा यहां महा ज्ञानी कोन है।
एक व्यक्ति ने उस बेबाकुफ का पता बता दिया क्यूंकि अब उसे सभी महा ज्ञानी बुलाते थे। वह आदमी उस महा ज्ञानी के घर गया और जोर से आवाज लगाता है महाज्ञानी जी।
महा ज्ञानी प्रसन्न हो जाता है और उसे एक लड्डू देता है। और अन्दर चला जाता है। वह आदमी सोचता है सायद इसमें कोई जादू है।इसलिए वह खाकर चला जाता है।लेकिन जाते समय उसका एक्सिडेंट हो जाता है ।जब उसकी पत्नी को पता चलता है तो वह अस्पताल जाती और अपने पति से माफी मांगती है उसे लगता है कि सायद सच में मेरे कहने पर मरने चले गए थे। वह आदमी खुश हो जाता है क्यूंकि उसकी पत्नी अब लड़ती नहीं। और आदमी गांव में जाता है महा ज्ञानी को बहुत सारे पैसे देता है। सारे बुद्धिमान लोग उससे पूछते है उस आदमी का तुमने क्या भला किया ।तब वह कहता है कि एक दिन यह मेरे घर आके मुझे महा ज्ञानी कहने लगा मैने इसे एक लड्डू दे दिया । सायद उसे अच्छा लगा हो इसलिए उसने मुझे इतने सारे पैसे दे दिए। सारे बुद्धिमान लोगो ने लड्डू का लालच छोड़ दिया ।क्यूंकि उसी लालच के कारण आज बेबकुफ बुद्धिमान गया था।
सार - किसी की बात का बुरा नहीं मानेंगे तो आप भी एक दिन सफलता जरूर पाएंगे।
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Sach mai ye kahani bahut achhi hai...bole to faado.....share it
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