Saturday 14 September 2019

बुद्धिमान लड़का जय

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बुद्धिमान लड़का जय



अनंतपुर एक छोटा सा गांव था जिसमें बड़े ही सज्जन लोग रहते थे। उसी गांव में एक 18 वर्षीय बालक जय रहता था ।जय के माता पिता बचपन में गाव पर हुए हमले की वजह से मारे गए थे। इसलिए सभी लोगो ने मिलकर जय को पाला था । जय एक भोला भाला लड़का था । पर मूर्ख नहीं था बहुत ही होशियार और ब्रश ली,जैकिचैन की तरह वह भी करते जानता था । बहुत ही हरा भरा गांव वहा किसी भी चीज की कमी नहीं थी ।बिल्कुल साफ सुथरा गाव था। लोग अपने काम में व्यस्त थे ।कुछ बच्चे नहाने नदी में गए । नदी में गोता खा रहे  थे कि उनके शरीर में खुजली चलने लगी। सारे बच्चे अपने घर आ गए ।और अपने माता पिता को बताया ।माता पिता ने सरपंच को बताया । सरपंच ने सभा बुलाई । सारे गांव वाले आ गए और जय भी आया था तब चर्चा चली और हल निकला कि उस नदी में कोई नहीं नहाएगा ।
पर जय को यह मंजूर नही था इसलिए वह चल पड़ा नदी की तरफ। वहां जाकर देखा कि पानी बहुत ही गंदा हो चुका था ।
फिर वह उस दिशा में चल दिया जिस ओर से पानी बहकर आ रहा था । वहा उसने देखा कि एक कारखाना बना है जिसका गंदा पानी नदी में छोड़ा जा रहा है। जय ने चुप चाप उन पाईप के मुंह बंद कर दिए ।और वापस आ गया ।जब कारखाने में पानी भरने लगा तो मैनेजर ने पूछा ये पानी कहा से आया ।जब पता लगाया तो देखा कि पाईप के मुंह बंद है कर्मचारियों ने सारे पाईप के मुंह खोल दिए। और काम करने चले गए। जय आज फिर आया उसने देखा कि पाईप के मुंह इन लोगो ने खोल दिए ।उसने मन ही मन कहा ये लोग ऐसे नहीं मानेंगे ।
फिर वह घर चला गया और रात को भूत के कपड़े पहनकर आया । एक कर्मचारी ने उसको देखा तो डर कर भाग गया और अपने साथ कुछ लोगो को लाया। कुछ लोग दरे लेकिन कुछ नहीं दारे और जय को मारने के लिए आगे आने लगे तभी जय भाग कर गया और एक लात उसके सीने में दे मारी वह तो दूर जाकर हवा में उछलते हुए गिरा और उठ ना पाया ।
दो लोग फिर आगे बड़े इस बार जय ने घूम कर एक से बचते हुए दूसरे को गर्दन पर लात मारी वह नहीं गिर गया और पीछे वाले को भी जोर से लात मारी वह भी ढेर हो गया।
अब एक पहलवान जैसा हट्टा कट्टा आदमी आया उसने एक जोर का घुसा दिया जय के तो होश ही उड़ गए । वह संभालते हुए उठा तभी उस आदमी ने एक ओर गुसा मारा पर इस बार जय ने उस आदमी का हाथ पकड़ा और अपनी ओर खीच के बैठ गए जिससे वह आदमी मुंह के भर धड़ाम से गिरा ।सारे लोग दर के भाग गए ।
उस दिन के बाद से सब दर गए कोई भी उस कारखाने में नहीं आया । कुछ ने कहा वहा भूत है पर कुछ कहते भूत तो अदृश्य होता है ना तभी जवाब  मिलता की वह कोई जादूगर था।ओर दूसरे दिन जय ने उस कारखाने को जला दिया ओर वापस अपने गांव आ गया । ओर कुछ दिन बाद पानी वापस स्वच्छ और पारदर्शी हो गया ।

सार  - अपने आस पास के पर्यावरण को स्वच्छ रखे ओर दूसरो को भी रोक जैसे की जय ने किया।

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