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महागुरु और संवेग(भाग 5- नए योद्धाओं का चुनाव) |
दूसरा योद्धा आया वह अपने आस पास की चीजों को अपने मन के द्वारा हिलाने लगा। ये तो बहुत ही शक्तिशाली है लोहो ने ऐसा कहते हुए तालियां बजाई।
अब आई एक खतरनाक लड़की योद्धा जो दिखने में खूबसूरत पर दिल से बेरहम थी।खतरनाक कलाबाजी खाते हुए वह लड़का बन गया। ओर कुछ समय बाद वापस लड़की बन गई।
कई योद्धा आए उनके बाद एक और लड़की आई जो दिखने में बहुत भोली थी। लेकिन उसने कुछ नहीं किया जब संवेग ने उस लड़की से कहा कि अपनी शक्ति दिखाओ तो उसने कहा।में किसी के भी सरिर में घुस सकती हूं।
संवेग ने सारे योद्धाओं की शक्तियों पहले भी देखा था पर ऐसा नहीं देखा जो वह लड़की कह रही थी बस सुना ही था ।
संवेग कहता है ठीक है लेकिन तुम करके दिखाओ वह बोली ।
वह संवेग में घुस गई किसी को पता भी ना चला।सब लोग देखने वह लड़की बेहोश हो गई है। तभी आवाज आती है में यहां हूं।
आप तो महाराज संवेग है आप लड़की कि आवाज में क्यों बोल रहे है।में महाराज संवेग नहीं हूं में सेल्या हूं। और वापस अपने शरीर में आ जाती है।
संवेग कहता है मबहुत खूब।अब में तुम सभी योद्धाओं का मुकाबला करवाऊंगा। सारे बोले मुकाबला किससे होगा। में खुद तुम लोगो का प्रतिद्वंद्वी हूं। पर आपके बारे में सुना है आप ज्यादा ताकतवर नहीं है। वो अभी पता लग जाएगा इतना कहते हि वह सबके सामने मैदान में छलांग लगाकर आ पहुंचा।
सारे योद्धा मिलकर संवेग से युद्ध करने लगे पर संवेग अकेला ही उनसे निपटने में सक्षम था।उसने कई योद्धाओं को घायल कर दिया।
फिर लड़ाई समाप्त हुई और अब घड़ी थिंकी कोन कोन राजदरबार का सेवक बनेगा।
संवेग ने तीन नाम बताए -शेल्या(किसी के भी सरीर में घुस सकती है पर मेरे शरीर में नहीं क्यूंकि में उस निरस्त कर चुका था), तुल्यनाग(जो कि आस पास कि चीजो से मन की शक्ति से मुझपर बार कर रहा था) और अरिमा(जो कि रूप बदल सकती थी)
अब संवेग के पास चार योद्धा हो चुके थे क्यूंकि एक पहले से ही था हड़िंभा (जो कि विशालकाय था ओर बहुत ही बलशाली था)। योद्धाओं का चुनाव हो चुका था।
अब बारी थी उनकी असली परीक्षा की क्यूंकि आने वाली थी नई मुसीबत जिससे सारे बेखबर थे।
समाप्त।
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Masa alla mja aaraha hai..kasam se
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