Tuesday 7 April 2020

राज योद्धा ( भाग 1 - महल में चोर )Raj Yodha

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उरूबेला नाम का एक राज्य था। वह बहुत ही खुशहाल और समृद्ध था। जिसके कारण पड़ोसी राज्य के राजा उरूबेला राज्य के राजा से जलते थे। और हमले की ताक में रहते थे। पर वह ऐसा नहीं कर सकते थे क्योंकि उरुवेला का राज योद्धा बहुत ही खतरनाक था ।राज्य के राज योद्धा का नाम कलिंगा था राज योद्धा तभी चुना जाता था जब या तो पहले वाले राज योद्धा की मृत्यु हो चुकी हो या वह बूढ़ा हो चुका हो राज योद्धा बनने के लिए बहुत सारी विशेषताएं होनी चाहिए थी जैसे कि सबसे उत्तम तलवारबाज निर्णायक और अकेले ही हजारों दुश्मनों से मुकाबला कर सके राज योद्धा हर स्थिति में राज्य के लिए बना होता था।


कलिंगा में राज योद्धा होने के सारे गुण थे। कलिंगा अपने बाद बनने वाले राज योद्धा के लिए शिक्षा दे रहा था जिनमें से दो राजकुमार राजवीर और रणवीर थे और एक मंत्री का लड़का विक्रांत था
राज महल में एक संग्रहालय था जहां किसी को भी जाने की अनुमति नहीं थी वहां कड़ी सुरक्षा हमेशा रहती क्योंकि वहां राजा के पूर्वजों और राज्य के महान योद्धाओं के सामान रखे हुए थे जब कोई भी राज योद्धा मर जाता है या बूढ़ा हो जाता तो उनकी लिखी हुई पुस्तके और कवच हथियारों को वहीं पर रख दिया जाता था।
उसी राज्य में एक ऐसा नौजवान था जिसे अपने माता-पिता का ज्ञान नहीं था वह राज्य की गलियों में पला बढ़ा था। वह  बहुत ही  चालाकी से  चोरी  भी करता था। क्योंकि बचपन से ही वह चोरी करके अपना गुजारा करता था उसका नाम उत्तम था। उत्तम हमेशा के लिए चोर बना रहना नहीं चाहता था वह भी एक योद्धा बनना चाहता था जिसे सब लोग पहचाने योद्धा बनने के लिए गुरु की आवश्यकता थी लेकिन उस समय गुरु उन्हीं को शिक्षा देते थे जो छत्रिय हैं या राज परिवार से हैं। उत्तम ने महल के उस संग्रहालय  के बारे में सुना हुआ था जहां योद्धाओं की लिखी हुई पुस्तके और हथियार रखे हुए थे उत्तम महान योद्धा बनना चाहता था और उसे ऐसी पुस्तक चाहिए थी जिससे वह युद्धकला सीख सके। इसलिए उसने महल में चोरी करने का फैसला किया अगले दिन कड़े पहरे में छिपकर उस जगह जहां पहुंचा जहां पुस्तकें और हथियार रखे थे कि तभी सुना पहरेदार आ रहे हैं जल्दी बाजी में एक पुस्तक उठाकर ले गया। आकर अपनी झोपड़ी में उस पुस्तक को खोला  तो देखा कि उसमे बहुत ही खतरनाक युद्धकला के बारे में लिखा था जिसे पूर्व राज योद्धा रामराज जनता था। और यह पुस्तक भी  पुस्तक रमन राज की थी जो कि कलिंगा के पहले राज योद्धा था। उत्तम ने पुस्तक  किका अध्ययन किया और जंगल में एक सुनसान स्थान पाकर वहां उसने 3 माह तक कड़ी मेहनत करके उनको सीख लिया उस पुस्तक में अंतिम पृष्ठ पर एक चित्र बना था उसमें एक शस्त्र भी था चित्र में एक डंड बना हुआ था जिसमें आग की लपटें निकल रही थी और उसमे  एक मोती भी जड़ा हुआ था । उसे लगा कि यह शस्त्र भी उस पुस्तकालय में हो सकता है इसलिए उसने दोबारा उस महल में जाने की ढानी।
रात होते ही वह महल में घुसा और डंड चुरा लिया पर पहरेदारो ने उत्तम को घेर लिया उत्तम अब सारी कलाएं सीख चुका था तो बस पहरेदारी को आसानी से हरा सकता था उसने सारे पहरेदारो को मार कर भगा दिया। जब पहरेदारों ने राजा को सूचना दी तो।

 राजा ने कलिंगा से कहा -  उस नौजवान को मारना मत उसे कारागार में कैद  कर दो कल सुबह उसे सजा दी जाएगी कलिंगा ने मंत्री के लड़के विक्रांत को भेजा जो कि उसका तीसरा शिष्य था जब विक्रांत गया तो उसने देखा कि उत्तम महल से भाग रहा है तो विक्रांत उसके पीछे पड़ गया लेकिन दूसरे ही पल उत्तम मैं भागना बंद किया और मुड़कर विक्रांत की ओर जाने लगा विक्रांत और उत्तम में लड़ाई होने लगे दोनों एक दूसरे को मार रहे थे लेकिन उत्तम रमन राज की पुस्तक से कई कलाओं को पढ़ चुका था जिसके कारण वह विक्रांत को हराने लगा अलग-अलग कलाओं के द्वारा। जब कलिंगा ने दूर से यह देखा कि विक्रांत हार रहा है तब उसने रणवीर और राजवीर को भी भेज दिया रणवीर ने सामने से उत्तम पर वार किया और दोनों में लड़ाई होने लगी लेकिन राजवीर चतुराई से पीछे से जाल लेकर आया और उत्तम पर डाल दिया जिससे उत्तम उस जाल में फस गया और उसे पकड़ कर कारागार  में डाल दिया गया। राज्य के कानून में यह सम्मिलित था कि कोई भी राज महल में चोरी करता है तो उसके दोनों हाथ काट दिए जाएंगे रात को घोषणा करवा दी गई पूरे नगर में कि राज महल में एक चोर पकड़ा गया है उसे कल सुबह सजा दी जाएगी सुबह राज महल के सामने बड़े मैदान में बहुत ही भीड़ लग गई राज महल के सामने एक बहुत ही बड़ा मैदान था जहां आयोजन होते थे और अपराधियों को सजा भी दी जाती थी मैदान में एक और राजा और मंत्री परिषदों का बैठने का स्थान था वहीं दूसरी ओर अपराधी को बांधने का और सजा देने का स्थान था सैनिक उत्तम को पकड़ कर लाए और उसे खंभों के बीच में बांध दिया ।

मंत्री - इसके दोनों हाथ काट दिए जाएं।
जल्लाद  सुनकर अपनी तलवार उठा कर उत्तम की ओर बढ़ा जैसे ही तलवार उठा कर उत्तम के हाथ पर मारनी चाहे उत्तम ने
एक जोर की लात जल्लाद में मारी। जल्लाद दूर जा गिरा उत्तम ने पूरी ताकत लगाकर दोनों खंभों को तोड़ डाला । वह खंबे इतने भी मजबूत नहीं थे कि वह किसी योद्धा को बांध सकें वहां सिर्फ आम अपराधियों को सजा दी जाती थी जो कि इतने ताकतवर नहीं होते थे कि वह खंबे तोड़ दे।
सैनिक उत्तम की ओर दौड़े उसे बस में करने के लिए लेकिन उत्तम कहां उनके हाथ लगने वाला था उत्तम ने एकाएक सबको धूल चटाना शुरू कर दी तब जाकर कलिंगा ने अपने तीनों शिष्यों को भेज दिया। कलिंगा चाहता तो दूसरे योद्धाओं को भेज देता परंतु रणवीर राजवीर और विक्रांत को भेजने का कारण यह था कि वह किसी योद्धा को हराने में सक्षम है या नहीं क्योंकि अगला बनने वाला राज योद्धा उनमें से ही एक था। रणवीर राजवीर और विक्रांत चल दिए और उत्तम के सामने आ गए
उत्तम - नगर की गलियों के चोर को पकड़ने के लिए राजकुमारों को आना पड़ा पर क्या तुम में वह ताकत है जिससे तुम मुझे हरा सको।
रणवीर - बातें बंद कर तू एक मामूली चोर है।
उत्तम ने इतना सुनते ही रणवीर पर छलांग लगाकर एक लात मारी उत्तम जैसे ही लात मारता दाएं से विक्रांत ने भी एक लात उत्तम पर मारी । उत्तम जमीन पर आ गिरा । उत्तम तुरंत उठा तीनों से एक साथ लड़ने लगा उत्तम तीनों से टिक नहीं पा रहा था फिर भी वह लड़ रहा था तीनों ने उत्तम को बहुत मारा जिससे वह बेहोश हो गया।

राजा -रुक जाओ राजा ने तीनों कुमारो से कहा । इसे वापस कारागार में डाल दिया जाए और वैद्य से इसका इलाज कराया जाए।
मंत्री -महाराज यह नौजवान आम होकर भी बहुत अच्छा लड़ रहा था मुझे इस पर संदेह है मुझे लगता है हमें इसके बारे में पता करना चाहिए।
राजा -तो देर किस बात की सैनिकों को भेजकर इसके बारे में पता लगाया जाए।
मंत्री -सैनिको आज्ञा का पालन हो जो महाराज ने कहा है।
सैनिक -जी महाराज।

कुछ देर बाद सैनिक पता  लगा कर आए।

सैनिक -महाराज उत्तम  वह नौजवान एक छोटा चोर है। जो नगर में छोटी-मोटी चोरी करके अपना पेट भरता है उसके माता-पिता नहीं है नगरवासियों से पूछा तो उन्होंने कहा कि मैं 2 साल का था तब से यही पर रह रहा है इसके माता-पिता का नहीं पता कहां है।
मंत्री - महाराज छोड़िए इस बात को ऐसे नगर में कई लोग होंगे उसे  कारागार में ही सड़ने देते हैं।

3 दिन बीते अचानक कलिंगा की तबीयत खराब होने लगी ।राजवैद्य से उसका इलाज कराया लेकिन कलिंगा की तबीयत सुधर ही नहीं रही थी।
कलिंगा - महाराज मुझे लगता है अब मैं बूढ़ा होने लगा हूं और मुझमें पहले जैसी शक्ति भी नहीं है हमें नए राज युद्ध को चुनना चाहिए।

राजा - हा कलिंगा में भी यही सोच रहा हूं अब तुम्हे भी आराम की जरूरत है।
पड़ोसी राज्य के  राजा भस्म देव को भनक लग गई की कलिंगा अब राज योद्धा के पद से निवृत हो गया है।
इसलिए  उरुबेला राज्य पर भस्म देव आक्रमण करने कि योजना बनाने लगा ।

अगला राज योद्धा को होगा ? 

क्या भस्म देव ऊरी बेला पर आक्रमण करेगा?


 यह जानने के लिए देखते रहिए राज योद्धा  सीरीज (Raj yodha Series) 

अगला भाग पड़ने के लिए क्लिक करे -


धन्यवाद।




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