सुबह हुई लोग अपने अपने काम में लगे थे। गोपीलाल की पत्नी गोपीलाल को ढूंढते ढूंढते पुलिस स्टेशन गई। वहां कोई भी नहीं था तो उसने रोना शुरू कर दिया। आसपास के लोग रोने की आवाज सुनकर आए। लोगो ने पूछा क्या हुआ।
गोपीलाल की पत्नी - अरे ! वो चुड़ैल इंस्पेक्टर और मेरे पति को उठा ले गई।
एक आदमी बोला - में तो कहता हूं अपहरण करने कि रिपोर्ट लिखवा दो।
दूसरा आदमी बोला - ऐ पागल हो क्या। रिपोर्ट लिखने वाले ही लापता है । थोड़ी बुद्धि का इस्तेमाल कर लिया करो नहीं तो जाम हो जाएगी।
साहूजी - मुझे लगता है वह भूतनी जरूर उन दोनों को हवेली पर लेके गई होगी।
चलो हम सब मिलकर वहां चलते है। सभी लोग हवेली पे गए।
अब किसी कि भी हिम्मत हवेली के अंदर जाने की नहीं हो रही थी। एक आदमी बोला ये आइडिया किसने दिया था।
साहू जी ने । तो उन्ही को अंदर भेजो।
पीछे से आवाज आई - अरे भाई हवेली कि सुनके उनका पेट खराब हो गया था । वो पहले ही निकल लिए।
सभी लोग वापस आ रहे थे कि पेड़ के नीचे चबूतरे पर दो पुलिस वाले सो रहे थे अरे देखो लगता है वह दोनों गोपी और रवि है पूरा गांव उनको ढूंढ रहा था और यह दोनों घोड़े बेच कर सो रहे हैं।
दोनों को जगाया और पूछा तुम यहां क्यों सो रहे हो।
गोपीलाल - कल रात चंद्रकला पुलिस स्टेशन में आई थी तो उसकी वजह से हम भागे।
इंस्पेक्टर रवि - इसका मतलब है कि कल चंद्रकला आई थी तो उसे हम भगा रहे थे इसलिए उसके पीछे भागते भागते यहां आ गए। (बातें बनाते हुए)। यहां हवा अच्छी चल रही थी इसलिए हमने सोचा यही सो जाएं। दोनों पुलिस स्टेशन आए चाय नाश्ता किया ।
गोपीलाल - साहेब कल तो जैसे तैसे बच गए आज जरूर वह उठा ले जाएगी।
इंस्पेक्टर रवि -गोपीलाल ऐसा कुछ नहीं होगा अच्छा यह बताओ कि यहां कोई बाबा नहीं है क्या । जो भूत को बस में कर सके।
गोपीलाल -सर यहां बाबा तो बहुत है पर एक समस्या है।
इंस्पेक्टर रवि - वह क्या।
गोपीलाल - यहां स्कूल नहीं है।
इंस्पेक्टर रवि - स्कूल का बाबा से क्या संबंध।
गोपीलाल - अरे सर कोई बाबा पढ़ा लिखा ही नहीं है इनको मंत्र याद ही नहीं होता।
इंस्पेक्टर रवि अपने शहर के दोस्त को फोन लगाता है। हेलो रमेश मुझे तुमसे जरूरी काम था मुझे एक भूत पकड़ने वाले बाबा चाहिए तुम कहीं से भी सतपुर में एक भूत पकड़ने वाला बाबा भेज दो पैसे की चिंता मत करना पर बाबा अच्छा भेजना।
दोपहर हुई। दोनों पुलिस स्टेशन में बैठे थे कि एक अतरंगी युवक आया और कहने लगा अपनी समस्या बताओ बच्चा।
गोपीलाल - यहां कोई फिल्म की शूटिंग नहीं चल रही निकल यहां से।
बाबा - अरे मैं बाबा हूं भूत भगाने आया हूं।
गोपीलाल - बाबा है या बाबू तू तो भरी जवानी में बाबा हो गया।
बाबा - अब क्या करूं कोई लड़की भाव नहीं देती है सो जा भूतनी यों को ही पटा लो।
गोपीलाल - देखो यहां बहुत खूबसूरत भूतनी है पर थोड़ा सा मेकअप करना पड़ेगा बहुत सालों से उसने मेकअप नहीं किया इसलिए थोड़ा रंग फीका पड़ गया।
बाबा - वो सब तुम मुझ पर छोड़ दो।
शाम होने वाली थी।
गोपीलाल - बाबा तैयार क्यों हो रहे हो भूतनी आ रही है कोई तुम्हें देखने के लिए लड़की नहीं आ रही।
बाबा - बच्चा यह सब भूतनी को बस में करने के लिए।
रात हुई बाबा होम हवन सजा कर बैठ गया।
अचानक तेज हवा चलने लगी खिड़कियां खुलने लगी।
रवि और गोपी बाबा कुछ कीजिए।
बाबा -ओम भूत पकड़ेयामी। (मंत्र बोलने लगा)
दरवाजे बंद हो गए हवा भी शांत हो गई।
चंद्रकला सामने प्रकट हो गई बाबा मंत्र पढ़ते-पढ़ते रुक गया।
गोपीलाल - बाबा जी क्या हुआ। आप रुक क्यों गए क्या यह बस में हो गई।
बाबा - नहीं।
गोपीलाल - तो मंत्र पढ़िए ना। दो वापस मूड में आ रही है।
बाबा - चुप बिलकुल चुप एक तो मैं यहां मंत्र भूल गया हूं ऊपर से तुम मेरा दिमाग चाट रहा है।
इतना सुनते ही रवि और गोपी भाग्य क्योंकि उन्होंने आस छोड़ दी थी।
बाबा ने भी भागना चाहा पर चंद्रकला ने पकड़ लिया।
चंद्रकला - तू मुझे भगाएगी इतना कह बाबा को उल्टा लटका हवेली पर ले गई।
जैसे तैसे रात गुजरी रवि और गोपी वापस आए।
रवि - लगता है चुड़ैल और बाबा के बीच हाथापाई हुई तभी सामान बिखरा पड़ा है।
गोपीलाल - पर बाबा कहां गए।
रवि - हो सकता है बाबा चुड़ैल को पकड़ कर वापस शहर चले गए हो मैं रमेश को फोन करके पूछता हूं। हेलो रमेश बाबा कल रात को ही बिना बताए सर चले गए।
रमेश- हां बाबा रात को ही आ गए थे कल भूतनी के साथ उन ने खूब लुका चुप्पी खेली इसलिए वह थक गए हैं तो सो रहे हैं।
ठीक है मैं रखता हूं फोन कट गया ।
कुछ देर बाद फटे कपड़ों में एक भिखारी आया बेचारा ऐसा लग रहा था रोज लोगों ने उसे बहुत मारा हो।
गोपीलाल - बाबा शहर में अब भीख नहीं मिलती जो गांव में भी आ गए।
बाबा - मुझे पहचानो मैं हूं बाबा।
गोपीलाल - बाबा ऐसा नहीं होता मुझे पहचानो मैं हूं डॉन ऐसा होता है।
बाबा - अरे पागल मैं बाबा हूं भूत पकड़ने आया था।
गोपीलाल - अरे बाबा जी यह हाल किसने किया आप तो पहचान में ही नहीं आ रहे है ।
बाबा को अंदर बिठाया।
रवि और गोपी लाल ने पूछा बाबा कल रात को क्या हुआ था आपका एसा कैसे हो गया।
बाबा - अरे वह चुड़ैल हवेली पर ले जाकर बहुत मारा और बहुत काम करवाए।
मुझे कैसे भी शहर तक छुड़वा दो मैं तुम्हारे आगे हाथ जोड़ता हूं।
इंस्पेक्टर रवि ने बाबा को शहर तक छुड़वा दिया।
रात होने लगी खिड़कियां दरवाजे जोर से खुलने लगे बंद होने लगे। तेज हवा चलने लगी ।
चन्द्रकला प्रकट हुई।
रवि और गोपीलाल डर से कांप रहे थे।
रवि ने पूछा तुम क्या चाहती हो। क्यों लोगो को डराती हो।
चन्द्रकला - मुझे अपनी हवेली में साफ सफाई करानी है। इसलिए मुझे कुछ लोगो की जरूरत है।
रवि - तुम हर दिन पुलिस स्टेशन में क्यों आती हो।
चन्द्रकला - क्यूंकि गांव के हर घर में भगवान है पर पुलिस स्टेशन में नहीं है।
रवि - यदि हम हवेली कि सफाई करवा दे तो तुम लोगो को नहीं दराओगी।
चन्द्रकला - यदि तुम सफाई करवाते हो तो में तुम सब को बहुत सर खजाना दूंगी।
रवि - ठीक है तुम जाओ कल तुम्हारी हवेली की साफ सफाई हो जाएगी।
चन्द्रकला चली गई। रवि और गोपीलाल ने चैन से अपनी रात काटी।
सुबह हुई रवि ने सारे गांव वालो को बात बताई । सारे गांव वालो ने हवेली कि साफ सफाई कर दी।
उसके बाद चन्द्रकला ने फिर किसी को नहीं डराया।
हवेली में एक कमरा था जहां से रवि को बहुत सारा सोना मिला उसने गांव में स्कूल, अस्पताल बनवा दिए।
और जब सब ठीक हो गया तो कमिश्नर ने रवि कि पोस्टिंग दूसरी जगह कर दी।
अब इंस्पेक्टर रवि का ट्रांसफर कहा होगा जानने के लिए
पड़ते रहिए
इंस्पेक्टर रवि सीरीज।