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चोर का तबादला |
गांव में चोरी कि घटनाएं सामने आने लगी । सरपंचों के घर में भी चोरी हो चुकी थी सारे गांव वाले डरे हुए थे और परेशान भी थे। एक रात सारे लोग जब सो गए। एक चोर आया और गाव के दो तीन घर लूट के चला गया ।
सुबह गांव वालो को पता चला तो उन्होंने सरपंचों से कहा पर सरपंच क्या करते उनके घर भी लुट चुके थे।
एक रात तो महाज्ञानि के घर भी चोर घुस आया। पर उस रात के बाद कभी उस गांव में चोरी नहीं हुई। लोगो को पता था कि महैज्ञानि के घर अंत8म बार चोरी हुई थी पर उस दिन के बाद चोरी नहीं हुई जरूर महेज्ञानि ने कुछ किया होगा जिससे चोर दोबारा चोरी करने नहीं आया।
लोगो ने सरपंचों को बताया तो सरपंच तुरंत महाग्यानि के घर की तरफ चल दिए।
पर महेज्ञानी अपने खेत पर था। सारे लोगो ने उसका शाम तक इंतजार किया। जब महाग्यनि शाम को खेत से लौट रहा था तो रास्ते में चबूतरे पर बैठे सरपंचों ने उसे रोका । महैग्यनी उनके पास पहुंचा। सरपंचों ने लोगो के कहने पर महा ज्ञानी से पूछा तो जवाब आया । मैने जादू से उसे गायब कर दिया। इतना कह के महा ज्ञानी अपनी राह हो लिया। सरपंचों और गांव वालो को बात समझ नहीं आयी। इसलिए वह भी महा ज्ञानी के घर चले गए । घर पहुंचते ही दरवाजा खटखटाया। महा ज्ञानी ने दरवाजा खोला । उन लोगो ने पूछा कि तुमने कर को कैसे भगाया। तब महा ज्ञानी ने बताया में बता तो दूंगा पर मुझे 100 रूप चाहिए।
सारे गांव वालो ने 2 -2 रुपए मिलाकर 100 रूपए किए। और महा ज्ञानी को दे दिए। फिर क्या था महा ज्ञानी बताने लगा कि कुछ दिन पहले चोर आया था तब में सो रहा था । वो सायाद दूसरे घरों में भी डाका दाल चुका था इसलिए में तैयार था। जैसे ही चोर मेरे घर में घुसा में जोर जोर से भगवान से कहने लगा कि है भगवान मुझे इस गांव में क्यों भेज दिया। में शहर में कितना अच्छा था । वह एक चोरी में ही मालामाल हो जाता था पर यह तो चोरी ही नहीं कर पाता हूं । है भगवान मुझे आशीर्वाद दो में कल शहर चला जाऊंगा । वहां में चोरी करूंगा और खूब पैसे कमाऊंगा। इतना सुनते ही वह चोर वहां से फरार हो गया। और वह भी शहर चला गया। इस तरह चोर का तबादला गांव से शहर में कर दिया । गांव वालो कहा हमने पुलिस वालो का तबादला होते देखा है पर चोर का तबादला पहली बार देखा। वैसे कुछ भी कहो चोर से मुक्ति तो मिली।
समाप्त।