Sunday 13 October 2019

मंगु की पागलपंती

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मंगु कि पागलपंती

एक बार की बात है एक गांव में बहुत ही सीधे सच्चे लोग रहते थे पर वहा का साहूकार बहुत ही श्याना और कंजूस था।उसने सबकी जमीन हड़प रखी थी क्यूंकि वो जमीन के बदले में पैसे देता था ।और पैसा तो सबकी पहली जरूरत है किसी भी चीज के लिए पैसे की जरूरत पड़ती है। उसी गांव में एक दंपत्ति ऐसे भी थे जो कि पड़े लिखे और समझदार थे।उनका एक बेटा था मंगु।मंगु 18 साल का नौजवान था को कि शहर से पढ़ाई करके गाव में आया था। मंगु बहुत ही सरारती था और थोड़ा अकलमंद थोड़ा पागल  भी था।
मंगु के पड़ोस में एक आदमी के यहा लड़की का जन्म हुआ। वह आदमी बड़ा दुखी हुआ क्यूंकि एक तो कर्ज था ऊपर से लड़की कुछ बाहर का काम भी नहीं कर सकती थी।तभी वहा साहूकार आया ।और कहने लगा ।तुम्हारे तो भाग्य खुल गए तुम्हारे घर लक्ष्मी आयी है अब तो पैसों कि बरसात होगी ।साहूकार ने ऐसा उस आदमी को चिड़ाने के लिए बोला था ।मंगु समझ गया कि ये साहूकार बेचारे गरीब आदमी को चिड़ा रहा है।उसने प्लान बनाया कि वह साहूकार की लड़की का अपहरण करेगा। और ऐसा ही किया ।रात में साहूकार की सुन्दर सी नकचड़ी लड़की को उठा लाया।और अपने कमरे में पलंग के ऊपर छत पर बांध दिया ।ऐसा बांधा था कि कुछ ना हो ।और खुद नीचे पलंग पर सो गया। सुबह हुई साहूकार अपनी बेटी को खोजने लगे उसने शोर सराबा किया गाव वालो ने पूछा क्या हुआ। साहूकार बोला मेरी बेटी रात से लापता है। गांव वालो में से एक बोला मैने मंगु को तुम्हारे घर में जाते देखा था।
साहूकार चल दिया मंगु के घर गाव वाले भी चले।
जाकर देखा कि मंगु नीचे सोया हुआ है और उसकी बेटी छत पर बंधी लटक रही है। है राम ये तूने क्या किया। मेरी बेटी को मार डाला ।एक गांव वाला बोला ये मरी नहीं है।साहूकार ने मंगु के माता पिता से कहा तुम्हारे बच्चे ने मेरी बेटी को जान से मारने की कोशिश की है।इसे सजा मिलना चाहिए।
मंगु के पिता ने कहा बेटा तुमने ऐसा क्यों किया। मंगु बोला लड़कियां लक्ष्मी होती है पर लक्ष्मी जी तो पैसों की बरसात करती है ना।ऐसा साहूकार ने संभू भैया के यहा लड़की होने पर कहा था। में देखना चाहता था कि पैसों की बरसात कैसे होती है।मुझे लगा साहू जी यहां के सबसे अमीर है उनकी बेटी के कारण इसलिए उनकी बेटी को उठा लाया।पर उसने एक भी रुपया नहीं दिया। गांव वालो ने कहा सही तो कह रहा है लड़का ।साहूकार से बोले तुमने ही कहा था बच्चा है वह तो वही समझेगा जो उससे बोलोगे। साहूकार को अपनी बात का बड़ा भरी निकन होने वाला था ।इस तरह मंगु उन गाव वालो की नजरो में मासूम और पागल बन गया। 
मंगु इसका फायदा उठाना चाहता था। और साहूकार से अपनी गिरवी रखी जमीन को छुड़ाना चाहता था 

मंगु अब आगे क्या करता है जानिए अगले भाग में।

कहानी आपको कैसी लगी कमेंट में जरूर बताएं।धन्यवाद।



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