Sunday 26 January 2020

यमराज और हनीसिंह

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यमराज और हनीसिंह

यमराज जी अपने आसन पर भैसा बेच कर सो रहे थे।क्यूंकि घोड़ा तो था नहीं ।
तभी चित्रगुप्त कि आवाज आती है महाराज उठिए। 
पर यमराज जी तो अपनी गहरी नींद में पड़े थे। 
तभी एक और आवाज आती है यो यो हनीसिंह ।

यमराज - ये क्या था।
चित्रगुप्त - महाराज आज कुछ प्राणी पृथ्वी लोक से आ गए है इनका हमे निर्णय करना है कि स्वर्ग में जाएंगे या नरक में । 
यमराज - तो शुरू करो कार्रवाई । 
चित्रगुप्त - महाराज एक प्राणी आया है जो खुद को संगीतकार बताता है। 
यमराज - संगीतकार । हा बुलाओ उसे हमे संगीत सुनना है।  
चित्रगुप्त - आ जाइए।

एक व्यक्ति प्रवेश करता है।
यमराज - युवक तुम्हारा नाम क्या है ।

युवक - महाराज हनीसिंह ।

यमराज - तो हनीसिंह तुम काम क्या करते हो।

हनीसिंह - 4 बोतल बोटका काम मेरा रोज का ना मुझको कोई रोके ना किसी ने रोका।

यमराज - चित्रगुप्त क्या तुम जानते हो कि बॉटका क्या होता है । 

चित्रगुप्त - महाराज हमने अभी अपने यंत्र से पता लगाया है ये एक मदिरा है। जो इंसान मरकर भी स्वर्ग में नहीं आ पाता वो बोटका पीने के बाद स्वर्ग घूम के वापस भी चला जाता है। 

और महाराज हमे यह भी पता चला है कि इन संगीतकार के हर गीतों में मदिरा का वर्णन हुए है । 
इन्हे मदिरा से बहुत प्यार है। 
मैने तो यह भी सुना है कि इन्होंने अपने गीतों में अलग चलन को प्रस्तुत किया है । इन्होंने ऐसे गीतों की रचना की है जिसे सुनकर घोड़े जैसी फुर्ती आती है। बूढ़े भी जवान हो जाते है। 

यमराज - ऐसे पापी मनुष्य को स्वर्ग में कोई जगह नहीं है और इसने बूढ़े व्यक्तियों में जवान व्यक्तियों वाली भावना जाग्रत कि है जिसके कारण उन्होंने भगवान का नाम जपना छोड़ दिया है। 
इसे नरक भेज दो।

सारी नृतकी एक स्वर में बोली - महाराज हमे भी नरक भेज दीजिए । क्यूंकि हम स्वर्ग के संगीतकार के गीतों पर नाच कर बोर हो गए है। 

चित्रगुप्त ने धीरे से महाराज यमराज को कान में
कहा -
        तानसेन जब गाते थे तो बर्षा होने लगती थी और दिए जल उठते थे । पर जब ये संगीत कार  गाते है तो मदिरा कि वर्षा होने लगती है। 

यमराज - मतलब यदि हमने इसे नरक में भेज दिया तो पापियों को उनकी बेहद मनपसंद मदिरा मिल जाएगी और फिर हर कोई नरक जाना पसंद करेगा इससे तो पृथ्वी लोक पर पाप बड़ जाएगा।

इसलिए हमने निर्णय किया है कि हनीसिंग को यही रख लिया जाए क्यूंकि नृतकीयों को उनके गानो पर नाचने में महा आएगा ऑथमे उन्हें देखने में। 
और सबसे बड़ी बात मदिरा कहीं से लानी नहीं पड़ेगी
बस मुंह खोलो और बूंदों को अपने मुंह में लो। 

हनिसिंग अपना राग पेश करो ।

हनिसिंघ - यो यो हनीसिंह ,
            party with the yamraj ,
            relax man

और इस तरह से हनीसिंह स्वर्ग में भी अपनी धूम मचाने लगा। 

यमराज और हनिसिंह कहानी कैसी लगी कॉमेंट करके जरूर बताएं । और हां subscribe जरूर कर देना । मुझे आप से बहुत उम्मीदें है । धन्यवाद।


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