Saturday 14 September 2019

इन्स्पेक्टर रवि(भाग 2- राजनायक का आगमन)

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इन्स्पेक्टर रवि(राजनायक का आगमन)


इन्स्पेक्टर रवि को सरपंच ने बुलाया। बेटी को दो कप चाय लाने के लिए कहा।इन्स्पेक्टर रवि क्या  तुम जानते हो कि वह
आदमी कोन था ओर वो गुंडे उस आदमी के पीछे क्यों पड़े थे।
इन्स्पेक्टर रवि ने कहा में यही जानना चाहता हूं ।तभी सरपंच ने बात काटते हुए कहा में बताता हूं वो लोग कोन थे।
वो लोग राजनायक के आदमी थे। राजनायक पहले यहां का सरपंच था वह बहुत अत्याचार करता था इसलिए लोगो ने उसे हटा दिया और में सरपंच बन गया।
मुझे सरपंच बनाने में जिन लोगो ने मदद की थी उन सबको मार रहा है । मेरे एक दोस्त को उसने मार दिया ।अब उस आदमी को मारने वाला था ।इन्स्पेक्टर रवि बोला राजनायक रहता कहा है । सरपंच ने कहा उसका पता तो में बता दूंगा पर वहा जाना बेवकूफी होगी क्योंकि वहा उसकी पूरी फौज है।
हथियारों से लैस आदमी ओर एक से बढ़कर एक फाइटर है ।
सरपंच ने कहा मेरे पीछे आओ । सरपंच की बेटी सिया चाय लेकर आ गई । सरपंच ने कहा तुम चाय पीकर ऊपर आ जाना ।ओर सरपंच चले गए। इन्स्पेक्टर रवि ने सिया को फिर देखा बहुत खूबसूरत लग रही थी ।
कुछ कहने ही वाला था कि सरपंच का बेटा अभी आ गया ।ओर इन्स्पेक्टर रवि की तारीफ अपनी दीदी से करने लगा ।दीदी ये तो बहुत ही तेज फाइटर है में भी ऐसा बनूंगा । इसलिए में अभी से फाइट सीख  रहा हूं।
तभी चाय पीकर इन्स्पेक्टर रवि  छत पर जाने लगा तो उसने सामे रखे आइने से सिया को देखा जो उसे टुकुर टुकुर देख रही थी । इन्स्पेक्टर रवि मन ही मन मुस्कुराने लगा ओर ऊपर छत पर आ गया। सरपंच ने छत पर से एक ओर इशारा किया ओर कहा वहां देखो वो उसका पहले घर था । पर अब पता नहीं कहा उसका अड्डा है ।इन्स्पेक्टर रवि  ने कहा पर आपने तो कहा था कि उसका अड्डा आप बता देंगे । मैने ऐसा कहा था ओह मुझे माफ़ करना में बूढ़ा हो रहा हूं ना इसलिए याददाश्त कमजोर हो रही है।रवि वापस अपने थाने में आया ।पर सारा थाना बिखरा पड़ा था ।इसलिए वह वहीं बैठ गया ।ओर उसे पता तो लग ही गया था कि उन्ही गुंडे ने ये काम किया है।तभी सरपंच का बुलावा आया ओर वह सरपंच की हवेली पर गया ।सरपंच नें कहा मुझे पता चला कि थाने में तोड़ फोड़ कर दी है ।इसलिए तुम यहीं रह जाओ ।इतना कहते ही उन्होंने जोर से आवाज लगाई कि अभिराज इन्स्पेक्टर रवि को कमरा दिखादे। अभिराज आया ओर इन्स्पेक्टर रवि  को अपने साथ ले गया।कमरा देखकर तो उसको नींद आने लगी क्योंकि इतना अच्छा बिस्तर था कि वह उसपर लेट गया और उसकी नींद लग गई। सरपंच ने आवाज लगाई पर इन्स्पेक्टर रवि तो सपनों में था । इसलिए उसने सुना नहीं।सरपंच ने सिया से कहा बेटी देखकर आओ और बुला लाना मेरे तो पैर दर्द कर रहे है इसलिए में बार बार जीने नहीं चड़ सकता। जी पिताजी कहकर सिया चली वहा जाकर देखा तो इन्स्पेक्टर रवि सोया हुआ है ।
सिया जगाने लगी पर वह उठने का नाम नहीं ले रहा था ।उसने धीरे धीरे आंख खोली तो सामने वहीं चहरा जो सपनों में था ।उसके तो खुसी से ठिकाना ना रहा ।वह सपने में सिया को गले लगा रहा था उसने सोचा यह भी सपना है तो उसने सिया को सच में गले लगा लिया। सिया जोर से चिल्लाई।तभी इन्स्पेक्टर रवि की आंखे खुली और वह डर गया। तभी सरपंच आ गए उन्होंने कहा क्या हुआ । तब सिया ने कहा कुछ नहीं चूहा था।
सरपंच ने हसते हुए कहा कि यह लड़की भी चूहे से डरती है ।चलो खाना खाते है। इन्स्पेक्टर रवि  ने हाथ मुंह धोए ओर सब साथ में खाना खाने लगे।ओर सारे अपने अपने कमरे में चले गए।सुबह हुई इन्स्पेक्टर रवि  थाने में जा ही रहा था कि उस पर हमला हुआ। एक गोली उसके पैर पर मारी ओर कार से उड़ा डाला ।हवा में उड़ते हुए नीचे गिरा। गुंडे कार से नीचे
उतरे । ओर जनता की तरफ देखते हुए कहा यही तुम्हे बचाने आया था ना पर ये तो जमीन पर पड़ा है। क्या हुआ । हाहा हहा ।ये तो कमजोर है। तभी आता है राजनायक । आते ही कहता है  बच्चू हमसे टकराओगे तो यही जगह पाओगे।
छोड़ दो इसे इसका हाल सबको पता चलना चाहिए ताकि कोई भी हमारी और आंख उठाकर ना देख सके। हाहाहाहा राजनायक है तू बड़ा खलनायक। हहाहाहा।
सारे कार में बैठते है ओर चले जाते है ।रवि इन्स्पेक्टर बेहोश हो जाता है जब होश आता  है तो अपने आप को सरपंच के घर में पाता है। ओर सिया उसके बाजू में बैठकर पट्टी बांध रही थी। तभी सिया कहती है कि दर्द तो नहीं हो रहा।   इन्स्पेक्टर रवि  पहली बार सिया कि आवाज सुनता है । बहुत ही मधुर आवाज थी। ओर सिया चली जाती है।

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